(Siyaram Sharangupt ka jivan parichay (सियाराम शरण गुप्त) का जीवन परिचय, siyaramsharan gupt information in Hindi, सियाराम शरण गुप्त का जन्म कहाँ हुआ था?, सियाराम शरणगुप्त का जन्म कब हुआ था? सियाराम शरणगुप्त के भाई का क्या नाम था? सियाराम शरण गुप्त की रचनाएं? )

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक और नई ज्ञानवर्धक पोस्ट में आज हम आपको सियाराम शरण गुप्त जी के जीवन के बारे में आपको जानकारी देने वाले है तो अगर आप कक्षा 9 के विद्यार्थी हो तो आपके संचयन किताब में इनकी कविता का कुछ अंश प्रकाशित हुआ है और यदि आप ऐसे ही सियाराम शरण गुप्त जी के बारे में जानने आए हो तोह आज हम आपको पूरी जानकारी जो हम इकट्ठा कर पाए है आपको देने वाले है तो पोस्ट को समाप्ति तक पढ़ते रहिएगा।
सियाराम शरण गुप्त का जन्म, जन्म स्थान और पारिवारिक जानकारी
हां तो सियाराम शरण गुप्त का जन्म रामचरण जी वैष्णव के परिवार में 4 सितंबर 1895 को हुआ । सियाराम शरण गुप्त वैष्णव परिवार से थे तथा उनके भाई मैथिलीशरण गुप्त भी एक महान और प्रतिष्ठित कवि थे तथा इसके अलावा उनके पिताजी रामचरण जी भी कविताएं लिखते थे इस कारण उनको बचपन से ही कविताएं से संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त हुई ।
सियाराम शरण गुप्त की शिक्षा
सियाराम शरण गुप्त जी ने प्रारंभिक शिक्षा अपने करीबी विद्यालय से प्राप्त की तथा उसके बाद अध्यान में रुचि होने के कारण उन्होंने स्वअध्ययन से उर्दू , अंग्रेज़ी और गुजराती भाषा सीख ली जो की एक अद्भुत बात है बिना विद्यालय जाए केवल घर बैठे बैठे तीनो भाषा का पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर लिया
सियाराम शरण गुप्त और महात्मा गांधी जी का मिलन
सियाराम शरण गुप्त जी के पिताजी और भाई के कविता लिखने के कारण इनको भी कविताएं में रुचि बढ़ने लगी आगे जाकर इनकी मुलाकात गांधी जी और विनोबा भावे के साथ हुई और गांधी जी के बाते इनको अच्छी लगी और यह भी गांधी जी के विचारो के अनुयायि थे और यह बाते उनकी कविताओं से भी पता चलती है उनकी कविताओं में भी गांधी जी के विचार दिखाई पड़ते थे।।
सियाराम शरण गुप्त की रचनाएं
सियाराम शरण गुप्त की रचनाएं – सियाराम शरण गुप्त जी ने अपनी पहली रचना 1914 में लिखी जिसका नाम था मौर्य विजय उसके बाद उन्होंने कई सारी कविताएं लिखी – आर्द्रा, पाथेय, मृणमयी, उन्मुक्त, आत्मोत्सर्ग, दुर्वादल,नकुल इत्यादि प्रमुख हैं तथा इनकी सबसे लंबी और सबसे प्रसिद्ध “एक फुल की चाह” है इस कविता के अंश को कक्षा 9 की पुस्तक में भी जगह दी गई है यह कविता मुख्यत छुआ छूत की समस्या से संबंधित है।
इस कविता में एक ऐसी घटना प्रस्तुत की गई है जिसमे एक दलित वर्ग की लड़की की इच्छा होती है की उसको मातारानी के मंदिर से फुल मिल जाए वो अपनी यह इच्छा अपने पिता को बताती हैं उसके पिता उसकी इच्छा पूरी करने के लिए मंदिर जाते है लेकिन माता रानी के पुजारियों ने उसके पिता के साथ गलत व्यवहार किया । अब क्या उसके पिता उसको वो फूल दिला पाएंगे इससे संबंधित यह कविता है। अगर आपको यह पूरी कहानी जाननी है तो आप हमे कॉमेंट में बता सकते हैं।
सियाराम शरण गुप्त की रचना की विशेषताएं
सियाराम शरण गुप्त ज्ञान से परिपूर्ण थे तथा उनकी रचनाएं का प्रमुख गुण था कथात्मकता इसके अलावा उन्होंने समाजिक कुरीतियों पर करारी चोट की थी। और देश में घटित घटनाएं और देश में उत्पन्न समस्याएं का जीवंत चित्र सियाराम शरण गुप्त ने प्रस्तुत किया इनके काव्य में आधुनिक मानवता की करुणा, यातना और द्वंद समन्वित रूप में उभरा है।
सियाराम शरण गुप्त का वैवाहिक जीवन
सियाराम जी ने भी विवाह किया था लेकिन इनकी पत्नी का नाम हम नही ढूंढ पाए इसके अलावा इनके पुत्र और पुत्री भी थे इनकी पुत्री का नाम – रमा था इनकी पत्नी और इनकी पुत्री का कम उम्र में ही स्वर्गवास हो गया इस कारण यह अकेले हो गया इनकी पत्नी की दुखवेदना बच्चन जी के प्रियवियोग और निराला जी की सरोजस्मृति के बराबर प्रभावी थी इनके इस वियोग का परिणाम और स्मृतियां इनकी कविताओं में भी देखने को मिलता है।
सियाराम शरण गुप्त को प्राप्त पुरस्कार
सियाराम शरण गुप्त जी को अनेक पुरस्कार मिले थे इनको सुधारक पदक 1941 में दीया गया था
Conclusion
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FAQ
सियाराम शरण गुप्त के भाई का क्या नाम था ?
सियाराम शरण गुप्त जी के भाई का नाम मैथिलीशरण गुप्त था ।
सियाराम शरण गुप्त को कौनसा पुरस्कार मिला
सियाराम शरण गुप्त जी को सुधारक पदक प्रदान 1941 में दिया गया